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71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2025: शाहरुख खान ने पहली बार जीता ‘श्रेष्ठ अभिनेता’ का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार

71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2025

1 अगस्त 2025 को दिल्ली में आयोजित 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में भारत के सर्वश्रेष्ठ फिल्मों, कलाकारों और तकनीशियनों का सम्मान किया गया। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव व राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन की उपस्थिति में बसे राज्यस्तरीय चयन पैनल ने 2023 में प्रदर्शित सर्वश्रेष्ठ कृतियों का चयन किया।

सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म: “12th Fail”

विदू विनोद चोप्रा निर्देशित “12th Fail” को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का स्वर्ण कमल पुरस्कार देकर ₹3,00,000–प्रति निर्देशक व निर्माता की पुरस्कार राशि दी गई। यह फिल्म भारत में शिक्षा व्यवस्था और सामाजिक असमानता पर आधारित सच्ची घटना पर आधारित ड्रामा है, जिसने आलोचकों व दर्शकों दोनों का समान रूप से प्रसंसा बटोरा।

श्रेष्ठ निर्देशन: ‘द केरल स्टोरी’

सुडिप्त सेन को हिंदी फिल्म “द केरल स्टोरी” के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का स्वर्ण कमल पुरस्कार मिला। इस फिल्म ने अपने विवादास्पद विषय और प्रभावशाली कथा–शिल्प के कारण राष्ट्रीय बहस छेड़ी।

शीर्ष अभिनय पुरस्कार

पुरस्कार विजेता फिल्म
श्रेष्ठ अभिनेता शाहरुख खान & विक्रांत मासे (साझा) “जवान” & “12th Fail”
श्रेष्ठ अभिनेत्री रानी मुखर्जी “मिसेज चटर्जी vs नॉर्वे”
सहायक अभिनेता विजयराघवन & मुथुपेट्टई सोमु भास्कर “पूकालम” (मलयालम) & “पार्किंग” (तमिल)
सहायक अभिनेत्री उर्वशी & जांकी बोदिवाला “उल्लोझुक्कु” (मलयालम) & “वाश”

शाहरुख खान को 30 वर्षों के करियर में पहली बार राष्ट्रीय पुरस्कार मिला, जबकि रानी मुखर्जी ने भी पहली बार श्रेष्ठ अभिनेत्री का खिताब जीता।

भाषा–विशेष सर्वश्रेष्ठ फिल्में

इनमें प्रत्येक क्षेत्र की स्थानीय संवेदनशीलता और सांस्कृतिक विशिष्टताओं को बेबाक तरीके से प्रस्तुत करने का श्रेय जाता है।

तकनीकी व संगीत पुरस्कार

ये पुरस्कार फिल्म निर्माण की बेमिसाल तकनीकी उन्नतियों व कलात्मक संगीत योगदान को मान्यता देते हैं।

लोकप्रिय व विशेष श्रेणियाँ

इन श्रेणियों ने न केवल शैक्षिक व बौद्धिक प्रस्तावों को बल्कि मनोरंजन और सांस्कृतिक प्रतिबिंबों को भी समाहित किया।

निष्कर्ष

71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2025 ने भारतीय सिनेमा की विविधता, नवाचार और तकनीकी उत्कृष्टता को एकत्रित किया। “12th Fail” से लेकर “जवान” और “मिसेज चटर्जी vs नॉर्वे” तक, इन फिल्मों ने न केवल देश–विदेश में प्रशंसा बटोरी, बल्कि समाज, संस्कृति व तकनीकी मानकों में नए आयाम स्थापित किए। इस वर्ष के पुरस्कारों ने यह साबित किया कि भारतीय फिल्म–उद्योग अपनी रचनात्मकता, बहुभाषी प्रगतिशीलता और सामाजिक संदेशों के माध्यम से निरंतर ऊँचाइयाँ छू रहा है।

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