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Introduction
क्यूपरटिनो (कैलिफोर्निया), 9 जुलाई — टेक्नोलॉजी की दिग्गज कंपनी Apple ने भारतीय मूल के सबिह खान को अपना नया चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) नियुक्त किया है। सबिह खान के पास एप्पल में 30 साल से अधिक का अनुभव है और वे इस नई भूमिका में कंपनी के सीईओ टिम कुक को रिपोर्ट करेंगे।
सबिह खान, जेफ विलियम्स की जगह लेंगे, जो इस महीने COO के पद से हट रहे हैं और साल के अंत तक रिटायर हो जाएंगे। यह लीडरशिप बदलाव ऐसे समय पर हो रहा है जब एप्पल को आईफोन की घटती बिक्री और टैरिफ से जुड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
जेफ विलियम्स को मिला सम्मान
जेफ विलियम्स ने एप्पल में 27 साल से अधिक सेवा दी है। रिटायरमेंट से पहले वे कंपनी की डिज़ाइन टीम और हेल्थ प्रोजेक्ट्स का नेतृत्व करते रहेंगे। इसके बाद, एप्पल की डिज़ाइन टीम सीधे सीईओ टिम कुक को रिपोर्ट करेगी।
टिम कुक ने विलियम्स की सराहना करते हुए उन्हें एप्पल की सफलता का एक अहम हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि विलियम्स ने एप्पल वॉच लॉन्च की, हेल्थ स्ट्रैटेजी को आकार दिया और कंपनी की सप्लाई चेन को दुनिया की सबसे बेहतरीन चेन में बदला।
सबिह खान: एप्पल का नया चेहरा
सबिह खान 2019 में एप्पल के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट ऑफ ऑपरेशन्स के रूप में कंपनी से जुड़े थे। उन्होंने एप्पल की ग्लोबल सप्लाई चेन को मैनेज करने, प्रोक्योरमेंट और मैन्युफैक्चरिंग देखने में अहम भूमिका निभाई है।
अब बतौर COO, सबिह खान को और भी जिम्मेदारियां मिलेंगी, जिनमें AppleCare का प्रबंधन भी शामिल होगा। टिम कुक ने खान की तारीफ करते हुए उन्हें एक “ब्रिलिएंट स्ट्रैटेजिस्ट” बताया और कहा कि वे एप्पल की सप्लाई चेन के आर्किटेक्ट हैं।
पर्यावरण के लिए भी योगदान
टिम कुक ने यह भी बताया कि खान ने पर्यावरण को लेकर एप्पल की रणनीति को मजबूती दी है। उनकी लीडरशिप में एप्पल ने अपना कार्बन फुटप्रिंट 60% तक घटा दिया है। इसके अलावा, उन्होंने अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाया और एडवांस टेक्नोलॉजी को अपनाया।
भारत में निर्माण की ओर कदम
यह बदलाव उस वक्त आया है जब एप्पल चीन पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए भारत में निर्माण बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। इसका मकसद अमेरिकी टैरिफ के असर को कम करना है।
सबिह खान का बैकग्राउंड
सबिह खान ने Tufts University से इकोनॉमिक्स और मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और उन्होंने Rensselaer Polytechnic Institute से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर्स डिग्री हासिल की है।
उनकी यह नियुक्ति न केवल एप्पल के लिए एक नया अध्याय है, बल्कि भारतीय मूल के टैलेंट की ग्लोबल मान्यता का भी प्रमाण है।
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