मुख्य निष्कर्ष: जुलाई 2025 में यूनाइटेड एयरलाइंस के 787-8 ड्रीमलाइनर ने वाशिंगटन डल्स से टेकऑफ़ के ठीक बाद इंजन विफलता के कारण “मयडे” अलर्ट जारी किया, जबकि जून में अहमदाबाद दुर्घटना के बाद भारतीय नियामक DGCA ने एयर इंडिया के बेड़े की सुरक्षा जांच पूरी करके कोई गंभीर समस्या नहीं पाई। उधर, बोइंग 2025 में 75–80 ड्रीमलाइनर की डिलीवरी का लक्ष्य रखता है और खाड़ी की एयरलाइन्स जैसे गल्फ एयर ने बड़े ऑर्डर की घोषणा की है।
जुलाई की तीसरी सप्ताहांत में वाशिंगटन डल्स एयरपोर्ट से निकलने के कुछ ही मिनट बाद यूनाइटेड एयरलाइंस की उड़ान UA108 (बोइंग 787-8) ने बाएं इंजन में अचानक तकनीकी खराबी के कारण 5,000 फीट की ऊँचाई पर “मयडे” अलर्ट जारी किया। पायलटों ने ईंधन छोड़कर सुरक्षित लैंडिंग के लिए 6,000 फीट पर होने की अनुमति मांगी और लगभग 2 घंटे 38 मिनट तक उत्तरी वाशिंगटन क्षेत्र में होल्डिंग पैटर्न में रहे। अंत में विमान सुरक्षित ढंग से डल्स एयरपोर्ट पर उतर गया; यात्री तथा क्रू सुरक्षित थे।
इस घटना का निस्तारण एयर इंडिया की 12 जून की अहमदाबाद दुर्घटना की याद दिलाता है, जिसमें लंदन गेटविक जा रही बोइंग 787-8 क्रैश होकर 260 से अधिक लोगों की जान गई थी। उस हादसे के बाद DGCA ने जून के मध्य में एयर इंडिया के 34 ड्रीमलाइनर विमानों में से 24 का एन्हांस्ड सेफ़्टी इंस्पेक्शन पूरा किया और तकनीकी या संरचनात्मक किसी भी गंभीर कमी का पता नहीं चला। शेष विमानों की जांच चरणबद्ध तरीके से की जा रही है, जिसमें कुछ विमानों के बड़े मेंटेनेंस चेक्स और एओजी (Aircraft on Ground) स्थिति में रहकर निरीक्षण शामिल है।
उद्योग विश्लेषक मानते हैं कि हालिया घटनाओं और उच्च-स्तरीय जांचों ने विमानन सुरक्षा मानकों पर नया भरोसा बनाए रखा है, लेकिन साथ ही Boeing के लिए इसकी विश्वसनीयता बहाल करना प्राथमिकता बन गया है। Boeing ने जनवरी 2025 में बताया था कि वह सालाना 75–80 787 ड्रीमलाइनर ग्राहकों को सौंपने का इरादा रखता है, जिनमें से 50–55 नए उत्पाचित विमान और बाकी पहले से निर्मित लेकिन संग्रहीत ड्राफ्ट शामिल हैं।
व्यापारिक मोर्चे पर गल्फ एयर ने जुलाई 2025 में 12 ड्रीमलाइनर के ऑर्डर पर समझौता किया, जिसमें अतिरिक्त 6 के विकल्प भी हैं। इस सौदे से गल्फ एयर की फर्म ऑर्डर बुक 14 विमानों तक पहुंच जाएगी और अमेरिकी विमानन क्षेत्र में 30,000 नौकरियां सुरक्षित होंगी, जैसा दोनों कंपनियों ने संयुक्त बयान में कहा। गल्फ एयर ने विशेष रूप से 787 की ईंधन दक्षता, लंबी दूरी की क्षमता और यात्रियों को आरामदायक बेडविंग अनुभव के चलते इस विमान को चुना है।
सुरक्षा और उत्पादन की चुनौतियाँ
ड्रीमलाइनर कार्यक्रम को भले ही 2011 से परिचालन में आने के बाद पहली बार कोई घातक दुर्घटना हुई हो, लेकिन इसकी भुजाओं में देर से सामने आने वाले उत्पाद दोष और आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान रहे हैं। कॉम्पोजिट संरचना के लिए विशेष निरीक्षण प्रक्रियाएं अपनाई जाती हैं, पर एयरलाइन और नियामक अब भी सतर्क हैं। Boeing ने North Charleston संयंत्र से उत्पादन बढ़ाकर प्रति माह पांच से सात विमान तक करने का लक्ष्य रखा है, जिसे पूरा करने में कुंजी आपूर्ति भागीदारों की समयबद्धता और गुणवत्ता नियंत्रण की भूमिका होगी।
विमानन पर असर
787 की बेड़े विस्तार योजनाओं ने कई एयरलाइनों को नई मार्ग योजनाएं खोलने और अधिक लहान दहन लागत वाली लंबी दूरी की उड़ानों की पेशकश करने में सक्षम बनाया है। गल्फ एयर की ताजा खरीदारी से खाड़ी क्षेत्र की प्रतिस्पर्धा और सेवा विस्तार को बल मिलेगा। भारत में DGCA की जांच रिपोर्ट से घरेलू यात्रियों में भरोसा बढ़ सकता है, जिससे एयर इंडिया और अन्य ऑपरेटर्स के बीच प्रतिस्पर्धा में सुधार हो सकता है।
निष्कर्षतः, बोइंग 787 ड्रीमलाइनर ने सुरक्षा चुनौतियों के बावजूद अपनी विश्वसनीयता बनाए रखते हुए नए ऑर्डर व वितरण लक्ष्यों की दिशा में प्रगति की है। जुलाई 2025 में हुए मयडे अलर्ट ने अलार्म बजाया तो DGCA व अंतर्राष्ट्रीय ऑर्डर ने विमान की प्रमुख भूमिका को रेखांकित किया है। आने वाले महीनों में उत्पादन दर, तकनीकी निरीक्षण तथा बेड़े विस्तार की घटनाएं इस विमान के भविष्य को और आकार देंगी।
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