Google का बड़ा कदम: Android और ChromeOS अब होंगे एक

मुख्य बिंदु (Highlights):

  • Google करेगा Android और ChromeOS का विलय
  • समीर समत ने TechRadar को इंटरव्यू में दी पुष्टि
  • Android बनेगा दोनों प्लेटफॉर्म का आधार
  • Android 16 लाया है बड़े स्क्रीन सपोर्ट और डेस्कटॉप मोड
  • नया प्लेटफॉर्म Apple iPadOS और macOS को देगा टक्कर
  • लॉन्च टाइमलाइन पर अभी स्पष्टता नहीं
  • यूज़र्स को मिलेगा एक समान अनुभव स्मार्टफोन से लैपटॉप तक

Android और ChromeOS

Introduction

Google अब अपने दो प्रमुख ऑपरेटिंग सिस्टम — Android और ChromeOS — को मिलाकर एक यूनिफाइड प्लेटफॉर्म (Unified Platform) पर काम कर रहा है। इस बड़े बदलाव की पुष्टि खुद समीर समत, जो Android इकोसिस्टम के प्रेसिडेंट हैं, ने TechRadar को दिए एक इंटरव्यू में की है।

Google का यह कदम उपयोगकर्ताओं को एक क्रॉस-डिवाइस एक्सपीरियंस देने की दिशा में एक बड़ा बदलाव हो सकता है, जिससे स्मार्टफोन, टैबलेट और लैपटॉप एक-दूसरे से अधिक बेहतर तरीके से जुड़ सकें।

क्या कहा गया इंटरव्यू में?

समीर समत ने कहा,

“हम ChromeOS और Android को मिलाकर एक ही प्लेटफॉर्म बनाने जा रहे हैं।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह पूरी तरह से नया ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं होगा, बल्कि Android को ही दोनों प्लेटफॉर्म्स — मोबाइल और लैपटॉप — के लिए आधार बनाया जाएगा

ChromeOS के मौजूदा वर्जन पहले से ही Android ऐप्स को सपोर्ट करता है, जिससे यह एक प्राकृतिक विस्तार की तरह दिखता है।

क्यों ले रहा है Google यह फैसला?

Google के मुताबिक यह फैसला यूज़र बिहेवियर के एनालिसिस के आधार पर लिया गया है। कंपनी यह अध्ययन कर रही है कि लोग लैपटॉप्स का उपयोग कैसे कर रहे हैं और Android को उस अनुभव के साथ कैसे बेहतर तरीके से जोड़ा जा सकता है।

इसके अलावा, Apple जैसे प्रतियोगियों ने पहले ही macOS और iPadOS को एक जैसा बनाकर एक यूनिफाइड इकोसिस्टम खड़ा किया है। Google अब इसी मॉडल को चुनौती देने की तैयारी में है।

Android 16 और Material 3 Expressive का रोल

Google ने हाल ही में Android 16 की घोषणा की है, जिसे Google I/O 2025 इवेंट में पेश किया गया था।

इस अपडेट में प्रमुख बदलाव हैं:

  • Material 3 Expressive डिज़ाइन
  • बड़े स्क्रीन सपोर्ट (टैबलेट, फोल्डेबल्स आदि)
  • स्मूथ एनिमेशन और बेहतर विंडो मैनेजमेंट
  • डेस्कटॉप मोड और मल्टीटास्किंग में सुधार
  • कस्टम कलर थीम फीचर – यूज़र एक फोटो लेकर उसे वॉलपेपर बना सकते हैं और वही रंग पैलेट पूरे सिस्टम (Gmail सहित थर्ड पार्टी ऐप्स में) लागू हो जाती है

ये सभी फीचर्स Android को लैपटॉप फ्रेंडली बना रहे हैं, जो ChromeOS विलय के संकेत को और मजबूत करते हैं।

तकनीकी पहलू और समयसीमा क्या होगी?

फिलहाल Google ने इस यूनिफाइड प्लेटफॉर्म की कोई स्पष्ट टाइमलाइन या टेक्निकल डीटेल नहीं दी है। हालांकि यह तय है कि यह कोई अचानक बदलाव नहीं होगा, बल्कि धीरे-धीरे Android को सभी डिवाइसेज़ के लिए आधार बनाते हुए ChromeOS को उसमें समाहित किया जाएगा।

संभावना है कि यह बदलाव 2026-2027 तक पूरी तरह से लागू हो सकता है।

Apple को टक्कर देने की तैयारी

Apple का macOS और iPadOS पहले से ही एकसमान डिज़ाइन और ऐप इंटीग्रेशन पर काम करता है। Google इस बदलाव के जरिए अपने Android उपयोगकर्ताओं को MacBook + iPhone जैसे अनुभव देना चाहता है।

इसके अलावा, ChromeOS की सीमित लोकप्रियता और Android की भारी यूज़र बेस को जोड़ना भी Google के लिए एक रणनीतिक फैसला है।

यूज़र्स के लिए इसका क्या मतलब है?

  • स्मार्टफोन, टैबलेट और लैपटॉप के अनुभव होंगे एक जैसे
  • एक ही ऐप, एक जैसा UI, सभी डिवाइसेज़ पर
  • बेहतर मल्टी-डिवाइस इंटीग्रेशन
  • Android का बड़ा ऐप इकोसिस्टम मिलेगा Chromebook जैसे लैपटॉप्स में भी
  • डेवलपर्स के लिए आसान डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म

निष्कर्ष

Google का यह कदम न केवल तकनीकी रूप से क्रांतिकारी होगा, बल्कि उपयोगकर्ता अनुभव के लिए भी एक नई दिशा तय करेगा। Android और ChromeOS का यह विलय आने वाले वर्षों में एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार कर सकता है जो Apple के यूनिफाइड सिस्टम को टक्कर दे सके।

यह बदलाव Google के हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और ऐप इकोसिस्टम को और मजबूत बना सकता है — और यूज़र्स को मिलेगा एक स्मार्ट, सिंक्रोनाइज़्ड और पावरफुल डिजिटल अनुभव।

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