Site icon News Journal

कर्नाटक में 16 जून से बैन होंगी बाइक टैक्सी सेवाएं: ओला, ऊबर, रैपिडो को झटका

बेंगलुरु – कर्नाटक हाईकोर्ट ने एकल न्यायाधीश के आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है, जिसके चलते ओला, ऊबर और रैपिडो जैसी कंपनियों को राज्य में बाइक टैक्सी सेवाएं 16 जून 2025 से बंद करनी होंगी। अदालत ने यह फैसला तब सुनाया जब सरकार ने साफ़ कहा कि वह मोटर वाहन अधिनियम के तहत बाइक टैक्सी के लिए नियम नहीं बनाएगी।

6 लाख लोगों की रोज़ी-रोटी पर संकट

Rapido ने अदालत में दलील दी कि इस बैन से कर्नाटक में 6 लाख से अधिक लोगों की आजीविका पर असर पड़ेगा, जिनमें से 75% ड्राइवर पूरी तरह से इसी आमदनी पर निर्भर हैं। Rapido ने बताया कि इसके राइडर्स औसतन ₹35,000 प्रति माह कमाते हैं। कंपनी ने यह भी कहा कि उसने अब तक बेंगलुरु में ₹700 करोड़ से अधिक का भुगतान अपने ड्राइवरों को और ₹100 करोड़ का GST सरकार को दिया है।

क्या है मामला?

2 अप्रैल 2025 को हाईकोर्ट के जस्टिस बी श्याम प्रसाद ने आदेश दिया था कि राज्य में बाइक टैक्सी सेवाएं बंद की जाएं, जब तक सरकार इसके लिए नियम न बनाए। पहले यह डेडलाइन 6 सप्ताह की थी, जिसे अब 15 जून 2025 तक बढ़ाया गया, और अब 16 जून से सेवाएं बंद होंगी।

ओला, ऊबर और रैपिडो ने इस आदेश को चुनौती दी, लेकिन कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी. कामेश्वर राव और जस्टिस श्रीनिवास हरिश कुमार की पीठ ने स्टे देने से इनकार कर दिया।

सरकार ने नियम बनाने से किया इनकार

ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के सचिव एनवी प्रसाद ने साफ कहा कि बाइक टैक्सी सेवाओं के लिए कोई नीति या नियम नहीं बनाए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस विषय पर किसी भी स्टेकहोल्डर से कोई बातचीत नहीं की गई है। वहीं, कमिश्नर योगेश एएम ने दोहराया कि निजी दोपहिया वाहनों को टैक्सी के रूप में इस्तेमाल करना कानूनी रूप से वैध नहीं है, जब तक कोई स्पष्ट नीति नहीं बनती।

Read more

अब आगे क्या?

अब अगली सुनवाई 24 जून 2025 को होगी, और सभी पक्षों को 20 जून तक जवाब दाखिल करने को कहा गया है। फिलहाल यह स्पष्ट हो गया है कि बाइक टैक्सी सेवाएं 16 जून 2025 से कर्नाटक में बंद हो जाएंगी, जिससे लाखों ड्राइवर और यात्री प्रभावित होंगे।

Exit mobile version