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Introduction
एडेलवाइस म्यूचुअल फंड की सीईओ राधिका गुप्ता ने निवेशकों से कहा है कि केवल बचत और लंबी अवधि के निवेश पर भरोसा करने के बजाय अपने जीवन का आनंद भी लें। उन्होंने हाल ही में एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा:
“मेरा काम SIP बेचने का है, लेकिन मैं सभी—चाहे युवा हों या पुराने—से हमेशा कहती हूँ कि अपनी मेहनत के फल का आनंद लेना भी सीखें। बचत करें, लेकिन उन चीज़ों पर भी खर्च करें जो आपको खुशी दें, क्योंकि यही जीवन की यात्रा को सार्थक बनाता है। आखिरकार, जीवन यह दौड़ नहीं कि किसके पास सबसे ज़्यादा NAह है कि किसने सबसे ज़्यादा खुशी के साथ जिया। बीच का रास्ता मौजूद है, और वह बेहतरीन है।”
राधिका गुप्ता की निवेश दर्शन
राधिका गुप्ता के निवेश सुझाव सिर्फ बचत तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उनका मानना है कि वित्तीय अनुशासन के साथ-साथ जीवन का आनंद लेना भी आवश्यक है। वह कहती हैं कि “सेव करें, लेकिन संघर्ष न करें”। उनके अनुसार, पैसे की बचत कभी भी सजा की तरह नहीं लगनी चाहिए, बल्कि यह सशक्तिकरण देने वाली होनी चाहिए।
निवेश में सरलता को प्राथमिकता
राधिका गुप्ता अपने निवेश दर्शन में सरलता पर जोर देती हैं। उन्होंने एक बार कहा था कि “सिंपल है तो सही है”। अपने 20 साल के करियर के अनुभव के बाद, वह जटिल वित्तीय साधनों के बजाय सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) जैसे सरल तरीकों को प्राथमिकता देती हैं3।
उनका व्यक्तिगत निवेश पोर्टफोलियो भी इसी सिद्धांत को दर्शाता है – 74% इक्विटी म्यूचुअल फंड में, 10% डेट में, और 16% अनलिस्टेड इक्विटी में। वह अपनी सैलरी का 85% तक SIP के माध्यम से निवेश करती हैं।
SIP के बारे में भ्रम दूर करना
राधिका गुप्ता अक्सर निवेशकों में मौजूद भ्रम को दूर करने का प्रयास करती रहती हैं। उन्होंने लिखा है:
“किसी ने मुझसे पूछा—क्या मैं इक्विटी चुनूँ या म्यूचुअल फंड या SIP? यह सुनकर मुझे हैरानी होती है कि इतने वर्षों के बाद भी लोग समझ नहीं पाते कि SIP और म्यूचुअल फंड अलग नहीं हैं, और म्यूचुअल फंड का मतलब सिर्फ इक्विटी नहीं होता।”1
वह बताती हैं कि SIP एक खर्च नहीं बल्कि भविष्य में निवेश है। भारत में मासिक SIP योगदान 26,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है, जो दिखाता है कि निवेशकों का इस पर भरोसा बढ़ रहा है।
युवाओं के लिए व्यावहारिक सुझाव
राधिका गुप्ता युवाओं से कहती हैं कि वे अपनी आय का 5% से 10% SIP में निवेश करें और इसे एक टैक्स की तरह मानें। उनके अनुसार, इक्विटी से लगभग 12% का रिटर्न मिलना चाहिए, और यदि आप लार्ज कैप या मिड कैप फंड में SIP करते हैं, तो 15-16% का कंपाउंडिंग मिल सकता है।
निवेश की शुरुआत जल्दी करें
उनकी सलाह है कि जल्दी शुरुआत करें, लेकिन सिर्फ कंपाउंडिंग के कारण नहीं। जल्दी शुरुआत करने से छोटी पूंजी के साथ गलतियों से सीखने का मौका मिलता है, बजाय बाद में बड़ी गलती करने के।
संतुलित जीवनशैली का महत्व
राधिका गुप्ता का मानना है कि निवेश जीवन को बेहतर बनाने के लिए है, न कि धन संचय की प्रतियोगिता के लिए। वह कहती हैं:
“अपने माता-पिता के लिए कार खरीदना, अपने लिए पहली घड़ी, बच्चे की बेहतरीन शिक्षा, या पहली पारिवारिक छुट्टी – इन सब से जो खुशी मिलती है, वही असली संपत्ति है। जब रिडेम्पशन किसी के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए इस्तेमाल हो, तो वह अच्छा रिडेम्पशन है।”
स्वास्थ्य और वित्त का संतुलन
इस साल अप्रैल में, राधिका गुप्ता ने भारत में बढ़ती मोटापे की समस्या को दूर करने के लिए भी सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि रेस्टोरेंट को अपने मेनू में ‘आधा प्लेट’ विकल्प पेश करना चाहिए:
“हम में से कई लोग कम मात्रा में खाना ऑर्डर करके भी पूरा प्लेट खत्म कर देते हैं क्योंकि भोजन बर्बाद करना पसंद नहीं करते। अकेले खाने पर बाँटना संभव नहीं होता। अगर रेस्टोरेंट आधे-आधे हिस्से के लिए 50 फीसदी से थोड़ी अधिक कीमत रखेंगे, तो यह खाने वालों को कम खाने में मदद करेगा—बिना भोजन या पैसे की बर्बादी किये।”
2025 के लिए निवेश रणनीति
राधिका गुप्ता ने 2025 के लिए सुझाव दिया है कि निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो का 80% हिस्सा स्थिर, सभी मौसम में चलने वाले फंड्स जैसे मल्टी-कैप, फ्लेक्सी-कैप, बैलेंस्ड एडवांटेज और इंडेक्स फंड्स में लगाना चाहिए।
महिलाओं के लिए वित्तीय समावेशन
राधिका गुप्ता महिलाओं के वित्तीय समावेशन की भी प्रबल समर्थक हैं। उनका कहना है कि “अधिकांश महिलाओं को ‘टॉप फंड्स’ की नहीं, बल्कि समावेशन, विश्वास और व्यवहारिक मार्गदर्शन की जरूरत है”। महिलाएं अक्सर एक उद्देश्य के साथ निवेश करती हैं, जो बाजार में समय के साथ पुरस्कृत होता है।
वित्तीय अनुशासन के मूल सिद्धांत
राधिका गुप्ता के अनुसार, वित्तीय सफलता के लिए धैर्य और लंबी अवधि का दृष्टिकोण सबसे महत्वपूर्ण है। वह कहती हैं कि “SIP से पैसा कमाने की कुंजी यह है कि आप इसे लंबे समय तक – 10 साल या उससे अधिक – बनाए रखें”।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि निवेशकों को डर फैलाने वाली बातों से बचना चाहिए और मिड-कैप तथा स्मॉल-कैप SIP में संतुलित एलोकेशन रखना चाहिए।
निष्कर्ष
राधिका गुप्ता की ये सलाहें व्यक्तिगत वित्त और जीवनशैली दोनों को संतुलित तरीके से जीने के मार्ग दिखाती हैं। उनका मुख्य संदेश यह है कि वित्तीय योजना कभी भी जीवन की खुशी को कम नहीं करनी चाहिए। निवेश केवल एक साधन है, जीवन का तरीका नहीं। बचत का लक्ष्य एक संपूर्ण जीवन बनाना है, न कि सिर्फ बैंक बैलेंस बढ़ाना।
उनकी सलाह सरल लेकिन गहरी है – बचत करें, निवेश करें, लेकिन जीवन का आनंद लेना न भूलें। क्योंकि अंततः, सच्ची संपत्ति वह खुशी और स्वतंत्रता है जो पैसे से मिल सकती है, न कि सिर्फ संख्याओं का खेल।
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