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परिचय
Shloka Ambani , भारत के सबसे चर्चित और सम्मानित उद्योगपति परिवार की बड़ी बहू, आज देश में आधुनिकता, समाज सेवा और पारिवारिक मूल्यों के लिए एक नई पहचान बन गई हैं। वे न सिर्फ अंबानी परिवार के सम्माननीय सदस्य हैं, बल्कि एक सफल उद्यमी, सामाजिक कार्यकर्ता और सबसे बढ़कर, एक समर्पित माँ भी हैं। श्लोका की ज़िंदगी हर उस महिला के लिए प्रेरणा है, जो परिवार और अपने कॅरियर के बीच सही संतुलन की तलाश में है।
Shloka Ambani की पहचान
Shloka Ambani हीरा व्यापार में विख्यात रसेल मेहता की बेटी हैं और 2019 में भारत के बड़े बिजनेस टाइकून आकाश अंबानी से विवाह हुआ। उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि भी मजबूत है; उन्होंने प्रिंसटन विश्वविद्यालय से मानवशास्त्र और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से लॉ की पढ़ाई की। शिक्षा के साथ-साथ, श्लोका समाज के लिए कुछ सकारात्मक करने की सोच से हमेशा प्रेरित रही हैं।
करियर की झलक
Shloka Ambani का मानना है कि काम केवल पैसे के लिए नहीं, बल्कि नए अनुभव, सीखने और समाज में बदलाव लाने का जरिया है। वे अपनी जुड़वा भूमिकाओं – कनेक्टफॉर की सह-संस्थापक और दो प्यारे बच्चों पृथ्वी और वेदा की माँ – को पूरी निष्ठा से निभा रही हैं।
श्लोका कहती हैं,
“सिर्फ ऊंचे पद या बड़े टारगेट प्राप्त करना मंज़िल नहीं, असल सफलता मकसद के साथ काम करने में है।”
उनकी सोच यही है कि बच्चों को मेहनत, कार्य के प्रति लगाव और समाज सेवा का महत्व छोटा उम्र से दिखाया जाए। यही कारण है कि वे अपने बच्चों से कहती हैं,
“जैसे तुम स्कूल जाते हो, मम्मा ऑफिस जाती हैं।”
ConnectFor: समाज सेवा के क्षेत्र में नया अध्याय
2014 में अपनी बचपन की दोस्त मनीति शाह के साथ ‘ConnectFor’ नामक मंच की शुरुआत की। इसका उद्देश्य भारतीय युवाओं, कॉर्पोरेट्स और स्वयंसेवकों को देशभर की नॉन-प्रॉफिट संस्थाओं से जोड़ना है। अभी तक यह प्लेटफॉर्म 1 लाख से ज्यादा स्वयंसेवकों को जोड़ चुका है, और 1,000 से अधिक एनजीओ की मदद कर चुका है। साथ ही, इसने सामाजिक क्षेत्र में लगभग 21 करोड़ रुपये मूल्य की संसाधनों की बचत भी की है|
कनेक्टफॉर ने वॉलंटियरिंग को अधिक सुलभ और संगठित बनाया है। इसके माध्यम से युवा लगातार समाज के हित में योगदान दे रहे हैं। श्लोका का कहना है कि
“हमारे समाज को अगर बेहतर बनाना है, तो सिर्फ वित्तीय सहयोग नहीं, बल्कि समय और हुनर भी देना होगा।”
सामाजिक चुनौतियां और पारिवारिक समर्थन
श्लोका ने खुलकर अपने इंटरव्यूज में बताया कि सामाजिक क्षेत्र में काम करने के शुरुआती दिनों में उन्हें फंडिंग, पहचान और टैलेंट बनाए रखने जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। लेकिन अंबानी परिवार की कायम सपोर्ट और पति आकाश अंबानी के भरोसे ने उन्हें जीवन में आगे बढ़ने का हौसला दिया।
Shloka Ambani के अनुसार,
“मेरे माता-पिता और पति को मुझ पर गर्व है। वे मेरी उपलब्धियों को मुझसे भी बेहतर बताते हैं। यह समर्थन ही मेरी सबसे बड़ी ताकत है।”
विरासत और भावी पीढ़ी
श्लोका सिर्फ आर्थिक संपदा छोड़ने के पक्ष में नहीं हैं। वे मानती हैं कि असली विरासत सबसे बड़ी सोच, मूल्य और समाज के प्रति जिम्मेदारी में छुपी होती है। वे चाहती हैं कि उनके बच्चे यह समझें कि जुनून के साथ शुरुआत भले छोटी हो, लेकिन जब तक उसका कोई उद्देश्य है, तब तक वह महत्वपूर्ण है।
वे मानती हैं कि
“हर करियर वेलिड है, चाहे वह घर बैठकर हो या बड़ा बिजनेस चलाने का हो। हमें सिर्फ यह सिखाना है कि बच्चों को अपने काम में जुनून और उद्देश्य मिले।”
निष्कर्ष
Shloka Ambani की यात्रा हर भारतीय महिला, युवा और समाजसेवी के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने यह सिद्ध किया है कि सही सोच, पारिवारिक समर्थन और दिल में बदलाव की आग हो तो कोई भी जिम्मेदारी असंभव नहीं। आज Shloka Ambani सिर्फ अंबानी घराने का नाम नहीं, बल्कि एक मिशन और आदर्श बन चुकी हैं, जो समाज और अगली पीढ़ी को सशक्त बना रही
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