TCS की नई पॉलिसी: कर्मचारियों को सिर्फ 35 दिन का बेंच टाइम, वर्क फ्रॉम होम खत्म

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने 12 जून 2025 से लागू होने वाली एक नई डिप्लॉयमेंट पॉलिसी की घोषणा की है, जिसके तहत कर्मचारियों को अब साल में अधिकतम 35 बिजनेस डेज़ तक ही बेंच पर रहने की अनुमति होगी। इस बदलाव का उद्देश्य वर्कफोर्स यूटिलाइजेशन को बेहतर बनाना और प्रदर्शन आधारित संस्कृति को सशक्त करना है। नई नीति के अनुसार, सभी कर्मचारियों को सालाना कम से कम 225 बिलेबल कार्य दिवस पूरे करने होंगे, जिससे कर्मचारियों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।

इस नीति का सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब बेंच पर मौजूद कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसे सभी कर्मचारी अनिवार्य रूप से ऑफिस से ही काम करेंगे। साथ ही, इस अवधि में उन्हें कंपनी द्वारा निर्धारित अनिवार्य अपस्किलिंग प्रोग्राम्स में भाग लेना होगा। इन कार्यक्रमों में इंटरनल लर्निंग मॉड्यूल्स, सर्टिफिकेशन कोर्सेस और इन-हाउस प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जैसे ही नया क्लाइंट प्रोजेक्ट आए, वे तुरंत तैनात किए जा सकें।

TCS ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह शॉर्ट-टर्म प्रोजेक्ट अलोकेशन को हतोत्साहित करेगी और लंबे, स्थिर क्लाइंट इंगेजमेंट्स पर ध्यान केंद्रित करेगी। इससे न केवल डिलीवरी साइकिल में स्थिरता आएगी बल्कि संसाधनों का दोबारा प्रयोग भी अधिक प्रभावी ढंग से किया जा सकेगा। कंपनी का यह कदम उस समय आया है जब पूरी आईटी इंडस्ट्री वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, घटते क्लाइंट बजट और धीमी डील साइकिल से जूझ रही है। ऐसे में TCS जैसी बड़ी कंपनी आंतरिक दक्षता और स्किल अलाइन्मेंट के ज़रिए अपने प्रदर्शन को बनाए रखने की कोशिश कर रही है।

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TCS, जो करीब 6 लाख से अधिक कर्मचारियों वाली दुनिया की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक है, आम तौर पर छंटनी से परहेज़ करती रही है। उसकी रणनीति हमेशा प्रदर्शन के आधार पर छंटनी और आंतरिक पुनर्नियोजन की रही है। नई पॉलिसी भी इसी रणनीति को दर्शाती है, जो कर्मचारियों को ज्यादा उपयोगी और तैनाती के लिए तैयार बनाए रखने पर केंद्रित है।

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