बेंगलुरु टेक स्टार्टअप की वायरल नौकरी: ₹1 करोड़ सैलरी, न डिग्री चाहिए, न रिज़्यूमे!

Introduction

बेंगलुरु से एक अनोखी और दिलचस्प नौकरी की पेशकश सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई है। भारतीय मूल के उद्यमी सुदर्शन कामत, जो कि टेक स्टार्टअप Smallest AI के संस्थापक हैं, ने एक ऐसा जॉब ऑफर जारी किया है, जिसमें न तो उम्मीदवार से कॉलेज डिग्री मांगी गई है और न ही रिज़्यूमे। इस नौकरी का सालाना पैकेज ₹1 करोड़ है, जिससे टेक इंडस्ट्री में हलचल मच गई है।

Bengaluru techie at ₹1 crore salary,

क्या है इस जॉब ऑफर की खासियत?

यह नौकरी फुल-स्टैक टेक लीड के लिए है और इसमें ₹60 लाख का फिक्स्ड सालाना वेतन के साथ-साथ ₹40 लाख के कंपनी ओनरशिप बेनिफिट्स शामिल हैं। कुल मिलाकर यह पैकेज ₹1 करोड़ का है।

  • पोजिशन: फुल-स्टैक टेक लीड
  • कंपनी: Smallest AI (स्टार्टअप)
  • स्थान: बेंगलुरु (ऑफिस बेस्ड, 5 दिन कार्य सप्ताह)
  • सैलरी ब्रेकअप: ₹60 लाख फिक्स्ड + ₹40 लाख इक्विटी
  • वर्क मोड: पूर्णतः ऑफिस आधारित (थोड़ी लचीलता संभव)

कौन कर सकता है आवेदन?

इस जॉब पोस्ट में खास बात यह है कि इसमें किसी डिग्री या सीवी की मांग नहीं की गई है। उम्मीदवार से सिर्फ एक 100 शब्दों का परिचय और उनके सर्वश्रेष्ठ प्रोजेक्ट्स के लिंक मांगे गए हैं। यह पारंपरिक हायरिंग प्रक्रिया को चुनौती देने वाला साहसिक कदम माना जा रहा है।

जरूरी तकनीकी योग्यता:

  • Next.js, React.js, और Python में मजबूत पकड़
  • 4-5 वर्षों का व्यावहारिक अनुभव
  • सिस्टम्स को स्केल करने (0 से 100 तक लाने) का अनुभव अतिरिक्त लाभ देगा

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पोस्ट

इस अनोखी भर्ती प्रक्रिया को लेकर Sudarshan Kamath की X (पूर्व ट्विटर) पोस्ट को कुछ ही घंटों में 60,000 से अधिक व्यूज मिल गए। कई लोगों ने इस अप्रोच की तारीफ की, वहीं कुछ ने इसे लेकर अपने अनुभव और सुझाव भी साझा किए।

यूजर्स की प्रतिक्रियाएं:

  • एक यूजर ने लिखा –
    “₹3.4 लाख महीना बैचलर के लिए ठीक है, शादीशुदा व्यक्ति के लिए कुछ खास नहीं।”
  • एक अन्य यूजर ने मजाकिया अंदाज़ में कहा –
    “You said cracked! I’m in!”
  • कुछ यूजर्स ने हाइब्रिड वर्क की मांग की –
    “ग्रेट ऑपर्च्युनिटी है, लेकिन वर्क फ्रॉम होम या हाइब्रिड भी होना चाहिए था।”

पारंपरिक हायरिंग को चुनौती

इस पोस्ट की सबसे खास बात यह है कि यह डिग्री और सीवी जैसी पारंपरिक शर्तों को दरकिनार करती है और सीधा कौशल पर फोकस करती है। सुदर्शन कामत का यह मानना है कि असली टैलेंट वही है जो कोडिंग में हाथ से काम करता है, न कि सिर्फ डिग्री के दम पर।

गिग इकॉनमी और युवा टैलेंट के लिए संकेत

यह ऑफर उन लाखों युवा डेवलपर्स के लिए एक प्रेरणा बन सकता है जो बिना IIT/NIT जैसे संस्थानों की डिग्री के भी बेहतरीन स्किल रखते हैं। टेक्नोलॉजी सेक्टर में अब धीरे-धीरे ऐसे उदाहरण बढ़ रहे हैं जहां काम ही पहचान बन रहा है, न कि डिग्री।

निष्कर्ष:

इस वायरल जॉब पोस्ट ने न सिर्फ ₹1 करोड़ की सैलरी की वजह से सुर्खियां बटोरीं, बल्कि इसने भारत में तकनीकी हायरिंग की पारंपरिक सोच को भी चुनौती दी है। यह दिखाता है कि अब कंपनियां असली टैलेंट को पहचानने के लिए नई राहें अपना रही हैं — जहां डिग्री मायने नहीं रखती, सिर्फ आपके काम की काबिलियत देखी जाती है।

 

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