भारत का Unified Payments Interface (UPI) लोकल डिज़िटल पेमेंट्स का अभिन्न हिस्सा बन गया है। जून 2025 में UPI प्लेटफ़ॉर्म ने नए मुक़ाम हासिल किए, जिससे यह साफ़ दिखता है कि देश धीरे-धीरे कैशलेस इकॉनमी की ओर बढ़ रहा है।
मुख्य आँकड़े
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कुल ट्रांजैक्शन वैल्यू: ₹24.03 लाख करोड़
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कुल ट्रांजैक्शन वॉल्यूम: 18.395 अरब
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दैनिक औसत ट्रांजैक्शन: 613 मिलियन
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महीने-दर-महीने गिरावट: वॉल्यूम में 1.5%, वैल्यू में 4%
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साल-दर-साल वृद्धि: वॉल्यूम में 32%, वैल्यू में 20%
Table of Contents
1. जून में UPI का प्रदर्शन
न्यूज़ एजेंसी PIB की रिपोर्ट के अनुसार, NPCI ने जून 2025 में UPI पर ₹24.03 लाख करोड़ के भुगतान प्रोसेस किए, जो मई 2025 के ₹25.14 लाख करोड़ से 4% कम है। किन्तु साल-दर-साल तुलना में यह वैल्यू 20% अधिक है, जो डिजिटल भुगतान में लगातार बढ़ती रुचि दर्शाती है। वॉल्यूम की बात करें तो जून में 18.395 अरब ट्रांजैक्शन दर्ज हुए, जो मई के 18.677 अरब से 1.5% कम हैं।
2. सालाना उछाल और दैनिक औसत
UPI का सालाना ग्रोथ रेट शानदार रहा: जून 2024 की तुलना में वॉल्यूम में 32% की वृद्धि हुई। इसका मतलब हर दिन करीब 613 मिलियन ट्रांजैक्शन होते हैं, जबकि मई में यह औसत 602 मिलियन था।
3. UPI के प्रमुख खिलाड़ी
UPI नेटवर्क पर सबसे बड़ा हिस्सेदार PhonePe है, जिसके बाद Google Pay और Paytm का नंबर आता है। NPCI के आँकड़ों से पता चलता है कि SBI, HDFC, ICICI व दूसरे बड़े बैंक भी ताबड़तोड़ ट्रांजैक्शन संभाल रहे हैं।
4. MoM गिरावट के पीछे
महीने-दर-महीने गिरावट का मुख्य कारण जून में छुट्टियाँ और सीजनल व्यवहार माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि Q1 में हल्की सधी बढ़त होती है, जो Q2 में फिर लौटती है।
5. UPI की वैश्विक पहचान
भारत का UPI अब दुनिया का सबसे बड़ा रियल-टाइम पेमेंट सिस्टम बन गया है। जून में UPI ने Visa को पीछे छोड़ते हुए प्रतिदिन 640 मिलियन से ज़्यादा ट्रांजैक्शन की हैं, जबकि Visa करीब 639 मिलियन संभालता है। UPI फिलहाल सात देशों—UAE, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरिशस—में भी काम कर रहा है।
6. NPCI की आगे की योजनाएँ
NPCI UPI-Lite, ऑफलाइन UPI और क्रेडिट ऑन UPI जैसी सुविधाएँ लॉन्च कर चुका है। साथ ही भारत-सिंगापुर UPI-PayNow कनेक्शन के माध्यम से क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट्स को आसान बनाने की योजना है।
7. डिजिटल भारत का विजन
सरकार और RBI लगातार डिजिटल पेमेंट की जागरूकता बढ़ा रहे हैं। UPI की बढ़ती लोकप्रियता से वित्तीय समावेशन को बल मिला है—अब ग्रामीण इलाकों में भी लोग आसानी से मोबाइल से पेमेंट कर पा रहे हैं।
UPI ने देश में कैशलेस लेन-देनों को नए आयाम दिए हैं। छोटी दुकानों से लेकर बड़े उद्योगों तक, ऑनलाइन या ऑफलाइन, सब जगह UPI ट्रांजैक्शन का भरोसा दिखता है। जून 2025 की हाईटेक उपलब्धियाँ इस बात का प्रमाण हैं कि भारत सचमुच डिजिटल इंडिया की दिशा में प्रगति कर रहा है।

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