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Google समेत US कंपनियां विदेशी कर्मचारियों को कितनी सैलरी देती हैं?

अमेरिका में विदेशी टैलेंट की भारी मांग

हर साल अमेरिका की बड़ी टेक कंपनियां और मल्टीनेशनल संस्थान भारत समेत दुनियाभर से कुशल पेशेवरों को काम पर रखते हैं। इनमें Google, Apple, Cognizant, TCS जैसी दिग्गज कंपनियां शामिल हैं। ये कंपनियां मुख्य रूप से H-1B और अन्य विशेष वीजा के तहत हजारों वर्क वीजा एप्लिकेशन दायर करती हैं।

अमेरिकी श्रम विभाग (US Department of Labor) के आंकड़ों के अनुसार, केवल 2025 की पहली छमाही में ही 2 लाख से अधिक वर्क वीजा एप्लिकेशन अमेरिकी नियोक्ताओं द्वारा दायर किए गए। यह संख्या यह दर्शाती है कि भले ही अमेरिका में वर्तमान सरकार की प्रवासी विरोधी नीतियां लागू हो रही हों, लेकिन टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर और फाइनेंस सेक्टर में कुशल विदेशी कर्मचारियों की मांग अब भी बहुत मजबूत बनी हुई है।

Google में विदेशी कर्मचारियों के लिए सैलरी कितनी?

Google, जो विश्व की सबसे प्रतिष्ठित टेक कंपनियों में से एक है, हर साल हजारों कर्मचारियों को हाई-स्किल्ड जॉब्स पर नियुक्त करता है। 2025 की पहली तिमाही में Google द्वारा दायर किए गए वीजा एप्लिकेशन के अनुसार, Software Engineer, Program Manager, और Business Analyst जैसे पदों पर सबसे अधिक भर्तियां हुईं।

इन पदों पर Google द्वारा घोषित सैलरी $146,000 से लेकर $328,000 सालाना तक थी। अगर इसे भारतीय रुपये में देखा जाए, तो यह लगभग ₹1.2 करोड़ से ₹2.75 करोड़ के बीच बैठती है।

Google की टॉप हाई-पेइंग नौकरियां

US Labor Department की रिपोर्ट के अनुसार, Google में कुछ प्रमुख पदों पर दी जाने वाली सैलरी इस प्रकार रही:

इसके अलावा, Google ने एक Marketing Manager को $21.3 मिलियन (लगभग ₹177 करोड़) की सैलरी दी है, जो किसी एग्जीक्यूटिव स्तर की भूमिका हो सकती है। इस सैलरी में बोनस, इक्विटी और स्टॉक ऑप्शंस शामिल हो सकते हैं।

अन्य कंपनियों में सबसे अधिक भुगतान पाने वाली नौकरियां

Google के अलावा भी कई अमेरिकी कंपनियां विदेशी कर्मचारियों को बड़ी सैलरी देती हैं। Q2 FY2025 में Labour Condition Application (LCA) डेटा के अनुसार, निम्नलिखित कंपनियों ने विदेशी वर्कर्स के लिए कुछ हाईएस्ट पेइंग जॉब्स घोषित कीं:

इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि केवल टेक्नोलॉजी ही नहीं, हेल्थकेयर और लॉ जैसे क्षेत्रों में भी विदेशी टैलेंट को बड़े वेतन पर नियुक्त किया जाता है।

वेतन में विविधता का कारण क्या है?

सैलरी का स्तर मुख्यतः पद की जिम्मेदारी, तकनीकी विशेषज्ञता, अनुभव और कंपनी की प्रोफाइल पर निर्भर करता है। Google जैसी कंपनियों में न केवल टेक्निकल स्किल्स, बल्कि लीडरशिप, इनोवेशन और परफॉर्मेंस को भी काफी महत्व दिया जाता है।

Google ने हाल ही में एक नया परफॉर्मेंस रिव्यू सिस्टम GRAD (Googler Reviews and Development) लॉन्च किया है, जिससे कर्मचारियों के प्रदर्शन को सीधे बोनस और स्टॉक से जोड़ा जाता है। यह सिस्टम हाई-परफॉर्मिंग एम्प्लॉई को कंपनी से जोड़े रखने में मदद करता है।

अमेरिका में नौकरी करने वाले भारतीयों को क्या लाभ?

भारत से हर साल हजारों युवा टेक, हेल्थ और फाइनेंस सेक्टर में अमेरिका जाते हैं। अमेरिका में काम करने से उन्हें न केवल अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर मिलता है, बल्कि जीवन स्तर और आय में भी बड़ा सुधार होता है।

US कंपनियों में भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए अवसर लगातार बढ़ रहे हैं, खासकर AI, Data Science, Cloud Computing, और Cybersecurity जैसे क्षेत्रों में। हालांकि, H-1B वीजा एक प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया है, लेकिन यदि आपके पास सही स्किल सेट और अनुभव है, तो Google और अन्य कंपनियों में काम करने का सपना साकार हो सकता है।

निष्कर्ष

भले ही अमेरिका में माइग्रेशन नीतियां सख्त हो रही हैं, परंतु Google, Apple, और Cognizant जैसी कंपनियां अब भी विदेशी टैलेंट को बड़े पैमाने पर हायर कर रही हैं। ये कंपनियां अपने कर्मचारियों को आकर्षक सैलरी, स्टॉक ऑप्शन और करियर ग्रोथ के अवसर देती हैं।

यदि आप भी एक कुशल प्रोफेशनल हैं और अमेरिका में करियर बनाना चाहते हैं, तो यह समय आपके लिए अनुकूल हो सकता है। सही योजना, अपस्किलिंग और प्रोफेशनल नेटवर्किंग के जरिए आप भी अमेरिका की बड़ी कंपनियों का हिस्सा बन सकते हैं।

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