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Introduction
फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो की मूल कंपनी इटरनल लिमिटेड (Eternal Ltd.) के Q1 FY26 के नतीजे एक दिलचस्प कहानी बयान करते हैं। एक तरफ जहां कंपनी का मुनाफा 90% तक गिरा है, वहीं दूसरी तरफ कंपनी के शेयर ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। ये क्या कहानी है और क्यों Google पर Zomato Eternal Q1 Results ट्रेंडिंग में है, आइए समझते हैं।
मुख्य बातें: आंकड़े जो चौंकाते हैं
इटरनल कंपनी के Q1 FY26 के नतीजे 21 जुलाई 2025 को आए और इनमें मिली-जुली तस्वीर देखने को मिली। कंपनी का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू 70% बढ़कर ₹7,167 करोड़ हो गया, जो पिछले साल की समान अवधि में ₹4,206 करोड़ था।
लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि नेट प्रॉफिट 90% गिरकर सिर्फ ₹25 करोड़ रह गया, जो पिछले साल की समान अवधि में ₹253 करोड़ था।
Financial Parameter | Q1 FY26 | Q1 FY25 | YoY Change |
Revenue (करोड़ ₹) | ₹7,167 | ₹4,206 | +70% |
Net Profit (करोड़ ₹) | ₹25 | ₹253 | -90% |
EBITDA (करोड़ ₹) | ₹115 | ₹177 | -35% |
ब्लिंकिट की सफलता की कहानी
इस तिमाही में सबसे बड़ी खबर यह रही कि पहली बार ब्लिंकिट का रेवेन्यू जोमैटो के फूड डिलीवरी बिजनेस से आगे निकल गया। ब्लिंकिट ने इस तिमाही में ₹2,400 करोड़ का रेवेन्यू जेनेरेट किया, जबकि जोमैटो के फूड डिलीवरी का रेवेन्यू ₹2,261 करोड़ रहा।
ब्लिंकिट के प्रदर्शन की मुख्य बातें:
- रेवेन्यू: ₹2,400 करोड़ (155% YoY ग्रोथ)
- Net Order Value: ₹9,203 करोड़ (127% YoY ग्रोथ)
- Dark Stores: 1,544 (243 नए स्टोर Q1 में जोड़े गए)
क्विक कॉमर्स की इस सफलता का मतलब है कि भारतीय उपभोक्ता अब 10-20 मिनट में सब्जी, दूध, और रोजमर्रा का सामान मंगवाने को तरजीह दे रहे हैं।
शेयर मार्केट में तूफानी तेजी
नतीजों के बाद इटरनल के शेयरों में जबरदस्त उछाल आया। 22 जुलाई 2025 को शेयर 15% तक बढ़कर ₹311.25 के नए All-Time High पर पहुंच गया।
शेयर प्राइस की यात्रा:
- 21 जुलाई: ₹271.20 (+5.38%) पर बंद
- 22 जुलाई: ₹311.25 का नया रिकॉर्ड
- दो दिनों में: 20% से अधिक की बढ़त
इस तेजी से कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन ₹3 लाख करोड़ के पार पहुंच गया और सिर्फ दो दिनों में ₹40,000 करोड़ की बढ़ोतरी हुई।
क्यों हुई Google पर ट्रेंडिंग?
Zomato Eternal Q1 Results के Google पर ट्रेंडिंग होने के कई कारण हैं:
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नाम बदलने की कहानी
फरवरी 2025 में जोमैटो ने अपना नाम बदलकर इटरनल कर दिया था। इसका मकसद कंपनी के बदलते business model को दिखाना था, जहां अब सिर्फ फूड डिलीवरी नहीं बल्कि क्विक कॉमर्स भी मुख्य व्यापार बन गया है।
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बिजनेस मॉडल में क्रांति
पहली बार ब्लिंकिट का NOV (Net Order Value) जोमैटो के फूड डिलीवरी से आगे निकला, जो दिखाता है कि क्विक कॉमर्स अब कंपनी का सबसे बड़ा बिजनेस बन गया है।
-
निवेशकों की दिलचस्पी
बावजूद मुनाफे में भारी गिरावट के, निवेशकों ने कंपनी के भविष्य की संभावनाओं पर भरोसा जताया। CEO दीपिंदर गोयल की संपत्ति में सिर्फ दो दिनों में ₹1,700 करोड़ की बढ़ोतरी हुई।
क्विक कॉमर्स: भारत का नया शॉपिंग ट्रेंड
भारत में क्विक कॉमर्स मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार:
- 2025 तक मार्केट साइज: $5 बिलियन
- 2030 तक प्रोजेक्शन: $30 बिलियन तक
- ग्रोथ रेट: 75-100% सालाना
क्विक कॉमर्स की खासियतें:
- डिलीवरी टाइम: 10-30 मिनट में
- प्रोडक्ट रेंज: रोजमर्रा का सामान, ग्रॉसरी, दवाइयां
- टारगेट: शहरी उपभोक्ता जिन्हें तुरंत सामान चाहिए
ब्रोकरेज हाउसेज का रिएक्शन
बड़े निवेश संस्थानों ने इटरनल के शेयरों पर अपने टारगेट प्राइस बढ़ाए हैं:
Brokerage | Rating | Target Price | Upside Potential |
Jefferies | Buy | ₹400 | 45% |
CLSA | Outperform | ₹385 | 35% |
Bernstein | Outperform | ₹320 | 18% |
चुनौतियां और चिंताएं
-
मुनाफे में भारी गिरावट
कंपनी के मुनाफे में 90% की गिरावट मुख्यतः क्विक कॉमर्स और “गोइंग आउट” सेगमेंट में भारी निवेश के कारण है।
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कॉम्पिटिशन का दबाव
ब्लिंकिट को स्विगी इंस्टामार्ट, जेप्टो, और बिगबास्केट जैसे competitors का सामना करना पड़ रहा है।
-
Operational Challenges
क्विक कॉमर्स में last-mile delivery की ऊंची लागत और dark stores का maintenance एक बड़ी चुनौती है।
फूड डिलीवरी बिजनेस की स्थिति
जोमैटो के पारंपरिक फूड डिलीवरी बिजनेस में भी कुछ सुधार देखने को मिला:
- रेवेन्यू ग्रोथ: 16% YoY (₹2,261 करोड़)
- EBITDA मार्जिन: 5% (पिछले साल 3.9% से सुधार)
- Monthly Transacting Customers: 22.9 मिलियन
भविष्य की योजनाएं
ब्लिंकिट का विस्तार:
- 2025 तक टारगेट: 2,000 dark store
- नए शहरों में विस्तार: Tier 2 और Tier 3 cities में फैलाव
नए बिजनेस सेगमेंट्स:
- हाइपरप्योर (B2B): ₹2,295 करोड़ रेवेन्यू (89% YoY ग्रोथ)
- गोइंग आउट: इवेंट टिकटिंग और डाइनिंग में फोकस
निष्कर्ष: एक नया युग
इटरनल के Q1 नतीजे भारतीय e-commerce और retail sector में एक नए युग की शुरुआत का संकेत देते हैं। जहां पारंपरिक ऑनलाइन शॉपिंग में 1-2 दिन का delivery time था, वहीं अब consumers 10-20 मिनट में सामान पाने के आदी हो रहे हैं।
यह ट्रेंड सिर्फ metros तक सीमित नहीं रहेगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, जल्द ही छोटे शहरों में भी quick commerce का विस्तार होगा।
मुख्य सबक:
- Consumer Behavior Change: भारतीय उपभोक्ता instant gratification को प्राथमिकता दे रहे हैं
- Technology Impact: AI और machine learning से logistics optimization हो रहा है
- Urban Lifestyle: व्यस्त शहरी जीवनशैली के कारण convenience services की मांग बढ़ रही है
इटरनल की यह कहानी दिखाती है कि कैसे एक कंपनी अपने business model को बदलकर market leader बन सकती है। भले ही फिलहाल मुनाफा कम हो, लेकिन भविष्य की संभावनाएं उज्ज्वल नजर आ रही हैं।
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