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इंजन लॉक, सीलन और बाढ़ में बीमा कितनी मदद करता है ?

Introduction

हर साल मानसून जहां गर्मी से राहत लाता है, वहीं घर और गाड़ियों के मालिकों के लिए चिंता भी बढ़ाता है। जलभराव, सीलन, और डूबे हुए वाहन ऐसी आम घटनाएं हैं, जो कई बार भारी नुकसान का कारण बनती हैं। सवाल उठता है — क्या बीमा कंपनियां इन परिस्थितियों में सच में मदद करती हैं?

CoverSure के सीईओ सौरभ विजयवर्गीय के अनुसार, “मानक होम इंश्योरेंस पॉलिसी साल भर एक जैसी रहती है, लेकिन मानसून के दौरान जोखिम कई गुना बढ़ जाते हैं।”

घर का बीमा किन चीज़ों को कवर करता है और किन्हें नहीं?

विजयवर्गीय बताते हैं कि सामान्य होम इंश्योरेंस पॉलिसी:

लेकिन ध्यान दें: धीरे-धीरे विकसित होने वाले नुकसान जैसे कि:

इन सबको बीमा कंपनियां wear and tear मानती हैं, और यह तब तक कवर नहीं होते जब तक आपने विशेष “riders” नहीं लिए हों।

कार का इंजन क्यों सबसे अधिक खतरे में होता है?

विजयवर्गीय के अनुसार, एक कार के इंजन की कीमत वाहन के कुल मूल्य का लगभग 60-70% होती है। मानसून के दौरान अगर पानी इंजन में चला जाए, तो यह hydrostatic lock जैसी स्थिति पैदा कर सकता है, जो इंजन को पूरी तरह से खराब कर सकती है।

क्या सामान्य कार बीमा इसमें मदद करता है?

किन ऐड-ऑन की सलाह दी जाती है?

ये सभी ऐड-ऑन मानसून में अप्रत्याशित खर्चों से बचा सकते हैं।

मानसून में बीमा क्लेम कैसे सुरक्षित रखें?

विजयवर्गीय कुछ जरूरी सुझाव देते हैं:

  1. फोटो खींचें: घटना से पहले और बाद की तस्वीरें लें।
  2. 48–72 घंटे के भीतर बीमा कंपनी को सूचित करें।
  3. इंजन को दोबारा स्टार्ट करने से बचें।
  4. खुद मरम्मत शुरू न करें जब तक बीमा सर्वेयर द्वारा जांच न हो जाए।
  5. डॉक्युमेंट्स रखें:
    • मिस्त्री या ठेकेदार की रिपोर्ट
    • मरम्मत के बिल
    • वाटरप्रूफिंग और मेंटेनेंस से जुड़े रिकॉर्ड

ये दस्तावेज़ क्लेम रिजेक्शन की संभावना को कम करते हैं।

बाढ़-प्रवण क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त सुरक्षा

अगर आप ऐसे क्षेत्र में रहते हैं जहां बाढ़ का खतरा अधिक रहता है, तो निम्नलिखित ऐड-ऑन riders अवश्य लें:

निष्कर्ष: बीमा तब ही काम आता है जब वो सही तरीके से लिया जाए

विजयवर्गीय कहते हैं,

“बीमा की वास्तविक उपयोगिता तभी है जब वो ज़मीनी जोखिमों से मेल खाए।”

मानसून के समय जलभराव, सीलन, स्ट्रक्चरल नुकसान और इंजन फेलियर जैसे जोखिम वास्तविक हैं। इन्हें ध्यान में रखकर बीमा लेना, या पुराने पॉलिसी में बदलाव करना, आज की जरूरत है।

बीमा एक खर्च नहीं, सुरक्षा है — बशर्ते वो सही तरीके से लिया गया हो।

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